Sunday 28 April 2019

Important Indian Constitution articles



                      संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद

भाग 1
   संघ एवं उसका राज्य
अनुच्छेद 1 से 4
भाग 2
      नागरिकता
अनुच्छेद 5 से 11
भाग 3
  मौलिक अधिकार
अनुच्छेद 12 से 35
भाग 4
  नीति निर्देशक तत्
अनुच्छेद 36 से 51
भाग 4 (
     मूल कर्तव्
अनुच्छेद 51 ()
भाग 5
        संघ
अनुच्छेद 52 से 151
भाग 6
       राज्य
अनुच्छेद 152 से 237
भाग
   संघ राज्य क्षेत्र
अनुच्छेद 239 से 242
भाग 11
 संघ और राज्यों के बीच
अनुच्छेद 245 से 263
भाग 14
 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
अनुच्छेद 308 से 323
भाग 15
      निर्वाचन
अनुच्छेद 324 से 329
भाग 17
      राजभाषा
अनुच्छेद 343 से 351
भाग 18
   आपात उपबंध
अनुच्छेद 352 से 360
भाग 20
  संविधान संशोधन
अनुच्छेद 368

अनुच्छेद 2:    संसद को नए राज्य स्थापित करने या उन्हें स्वीकार करने की अनुमति देता है;
अनुच्छेद 3:      नए राज्यों की संरचना, बदलाव या नामकरण की अनुमति दी गई है;
अनुच्छेद 5-11: नागरिकता के अधिकार दिए गए हैं, जो उसी समय के है जब पहली बार संविधान बना था।
 (14-15)  समानता का अधिकारः धर्म, जाति, नस्ल, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है;
अनुच्छेद 16 सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार के लिए समानता का अधिकार देता है;
अनुच्छेद (17) अस्पृश्यता का अंत; 
अनुच्छेद (18) उपाधियों का अंत;
अनुच्छेद (19) स्वातंत्र्य का अधिकारः नागरिकों को बोलने और अभिव्यक्त करने की आजादी है, बिना हथियारों के और शांतिपूर्वक जमा होन का अधिकार है, एसोसिएशन या यूनियन बनाने का अधिकार है, भारत के किसी भी हिस्से में बिना किसी रोकटोक के घूमने का अधिकार है, भारत के किसी भी हिस्से में रहने या बसने का अधिकार है, किसी भी व्यापार, कारोबार या पेशे के अपनाने का अधिकार है; 
अनुच्छेद (21) जीवन और व्यक्तिगत आजादी का संरक्षण; 
अनुच्छेद (21) शिक्षा का अधिकारः 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त
अनुच्छेद (23-24) शोषण के खिलाफ अधिकारः मानव तस्करी और बंधुआ या जबरदस्ती मजदूरी कराने पर प्रतिबंध। अक्सर देखा गया है कि इस अधिकार की अनदेखी होती है और पीड़ितों का शोषण किया जाता है। 
अनुच्छेद (25-28) धर्म की स्वतंत्रता का अधिकारः नागरिकों को किसी भी धर्म को अपनाने या प्रचार करने का अधिकार है; 
अनुच्छेद 36-50 में राज्य के नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख किया गया है।
नीति निदेशक तत्वों में मानव कल्याण और सभी नागरिकों को समान न्याय, स्वास्थ्य और पोषण देने के लिए राज्य के दायित्वों का उल्लेख किया गया
अनुच्छेद 51 में नागरिकों के बुनियादी दायित्वों को विस्तार से समझाया गया है। 
अनुच्छेद (52): भारत के राष्ट्रपति; 
अनुच्छेद (53): संघ की कार्यकारी शक्तियां;
अनुच्छेद (54): राष्ट्रपति का चुनाव;
अनुच्छेद (55): राष्ट्रपति के चुनाव का तरीका; 
अनुच्छेद (56): राष्ट्रपति के कार्यालय की अवधि; 
अनुच्छेद (61): राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने की प्रक्रिया;
अनुच्छेद (63): भारत के उपराष्ट्रपति; 
अनुच्छेद (64): उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना; 
अनुच्छेद (65): राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उनकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उनके कार्यों का निर्वहन; 
अनुच्छेद (72): राष्ट्रपति की किसी दोषी की सजा को निलंबित करने, माफ करने या उसकी अवधि कम करने की शक्ति;
अनुच्छेद (79): संसद का गठन; 
अनुच्छेद (80): राज्यों की सभा राज्यसभा की संरचना, इसे ऊपरी सदन भी कहा जाता है;
अनुच्छेद (81): लोगों के सदन लोकसभा की संरचना, जिसे निचला सदन भी कहा जाता है; 
अनुच्छेद (83): संसद के सदनों की अवधि; 
अनुच्छेद (93): लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष;
 अनुच्छेद (100): सदनों में मतदान, रिक्तयों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और कोरम; 
अनुच्छेद (102): संसद के किसी भी सदन से किसी सदस्य की सदस्यता को अयोग्य घोषित करना; 
अनुच्छेद (105): इस अनुच्छेद में संसद के दोनों सदनों, उसके सदस्यों और समितियों के विशेषाधिकारों, शक्तियों की जानकारी दी गई है; 
अनुच्छेद (107): विधेयक को प्रस्तुत करने और पारित करने की प्रक्रिया और प्रावधान दिए गए हैं।
अनुच्छेद (108): कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठकः विवादित विधेयकों के पारित होने को लेकर अनुच्छेद 107 और 108 का जिक्र अक्सर होता है।
अनुच्छेद (109): धन विधेयक या मनी बिल्स को पारित करने की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है। लोकसभा में पारित होने के बाद यह विधेयक राज्यसभा में जाते हैं। वहां से सुझावोंसिफारिशों और मंजूरी के बाद यह विधेयक लोकसभा में लौटता है, जो सिफारिशों को मंजूरी के बिना भी उसे पारित कर सकता है।
अनुच्छेद (110): धन विधेयक को परिभाषित किया गया है;
अनुच्छेद (112): वार्षिक वित्तीय विवरण, इसे सालाना बजट भी कहा जाता है, जो संसद में वित्त मंत्री पेश करते हैं; 
अनुच्छेद (114): विनियोग विधेयक;
अनुच्छेद (123): संसद के विश्रांति काल में अध्यादेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति की जानकारी देता है;
 अनुच्छेद (124): उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन; 
अनुच्छेद (126-147): भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति, उच्चतम न्यायालय की भूमिका और कार्यप्रणाली; 
अनुच्छेद (148-151): इसके दायरे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति, उसकी भूमिका और जिम्मेदारियों के साथ ही अंकेक्षण रिपोर्ट देने की जानकारी आती है।
अनुच्छेद (152-161): इसके तहत राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति, दायित्वों और कामकाज को विस्तार से समझाया गया है; 
अनुच्छेद (163): इसमें मंत्रि परिषद की राज्यपाल को सहयोग सलाह देने की भूमिका का उल्लेख है;
अनुच्छेद (165): राज्यपाल द्वारा राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति
अनुच्छेद (170): राज्य के विधान मंडलों की संरचना 
अनुच्छेद (171): इसमें राज्य के विधान परिषदों की संरचना
अनुच्छेद (194): विधानमंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों तथा समितियों की शक्तियां
अनुच्छेद (214-237): उच्च न्यायालय और उसके क्षेत्राधिकार, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति, जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति, निचली अदालतों पर नियंत्रण आदि को इन अनुच्छेदों में परिभाषित किया गया है।
अनुच्छेद (239-242): इस प्रावधान में केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है;  
अनुच्छेद (245): संसद और राज्यों के विधानमंडलों की ओर से बनाए गए कानूनों
अनुच्छेद (257): संसद और राज्यों के विधानमंडलों द्वारा किए गए कानूनों का विस्तार; 
अनुच्छेद (246): सामान और सेवा कर के संबंध में कानून बनाने के लिए राज्य विधानसभा और संसद की शक्ति; (249): राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद की शक्ति यदि राज्यसभा द्वारा 2/3 बहुमत के साथ एक प्रस्ताव पारित किया जाता है;
अनुच्छेद (250): आपात की स्थिति में जीएसटी के लिए कानून बनाने के लिए संसद के पास शक्ति;
अनुच्छेद (257): कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण।
अनुच्छेद 268 (संशोधित): औषधीय और शौचालय की सामग्री पर उत्पाद शुल्क राज्य सूची में शामिल किया जाएगा और इस पर जीएसटी कम लगेगा।।
अनुच्छेद 269 : यह जीएसटी के तहत अंतर-राज्य व्यापार से संबंधित प्रावधान, यह कर का संग्रह और संघ एवं राज्यों के बीच कर के आवंटन के प्रावधानों से संबंधित है।
अनुच्छेद 279-: यह अधिनियम के लागू होने के साठ दिनों के भीतर राष्ट्रपति द्वारा जीएसटी परिषद के संविधान से संबंधित है।
अनुच्छेद 324-329 में चुनावों से जुड़ी कार्यप्रणाली को सविस्तार समझाया गया है।
अनुच्छेद 330-342 के दायरे में एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यकों के लिए किए गए विशेष प्रावधान शामिल है।
अनुच्छेद 343-351 के दायरे में संघ और राज्यों की राजभाषा, उच्चतम और उच्च न्यायालय की भाषा और हिंदी भाषा के विकास के बारे में बात की गई है।
अनुच्छेद (352): आपातकाल की उद्घोषणा। इसके दायरे में वह प्रावधान आते हैं, जिनके तहत आपातकाल की घोषणा की जा सकती है। 1975 में आपातकाल लगाने के दौरान, इसे और इससे जुड़े अनुच्छेदों का इस्तेमाल किया गया था और इस पर लंबे समय तक चर्चा भी होती रही है; 
अनुच्छेद (356): इसके तहत राज्यों में संवैधानिक व्यवस्था नाकाम रहने की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की गई है। हाल ही में उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों को इसी अनुच्छेद का इस्तेमाल करते हुए बर्खास्त किया गया था। यह बात अलग है कि उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से दोनों राज्यों में फिर सरकारें बहाल हो गईं।
अनुच्छेद (360): इसके तहत राष्ट्रपति के पास अधिकार है कि वह वित्तीय आपातकाल घोषित कर सकता है।
अनुच्छेद 368 के तहत राज्य सूची के कुछ मामलों के संबंध में कानून बनाने के लिए संसद को सत्ता प्रदान करता है जैसे कि अगर वे समवर्ती सूची के तहत महत्वपूर्ण हो।
अनुच्छेद 370 के तहत जम्मूकश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिया गया है। जम्मूकश्मीर से जुड़े मसलों में यह अनुच्छेद अक्सर चर्चा में आता है।
अनुच्छेद 371: महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध मे
अनुच्छेद 371 : नागालैंड राज्य के संबंध में
अनुच्छेद 371 : असम राज्य से संबंध में
अनुच्छेद 371 : मणिपुर राज्य के संबंध में
अनुच्छेद 371 : आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में
अनुच्छेद 371 : आंध्र प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
अनुच्छेद 371 : सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 : मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 : अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 : गोवा राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान,
अनुच्छेद 372: के तहत मौजूदा कानून का बना रहना और उनका अनुकूलन तब तक लागू रहेगा जब तक कि बदले, निरस्त या संशोधित हो।
अनुच्छेद 372 : के तहत निरस्त या संशोधन के माध्यम से कानूनों का अनुकूलन और संशोधित करने के लिए राष्ट्रपति की शक्तियों को शामिल किया जाता है।
अनुच्छेद 373: यह कुछ मामलों में प्रतिबंधित रूकावट में व्यक्तियों के संबंध में आदेश देने के लिए राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है।
अनुच्छेद 374: इसमें संघीय न्यायालय के न्यायाधीशों और संघीय न्यायालय में या परिषद महामहिम के समक्ष लंबित कार्यवाही के संबंध में प्रावधान शामिल
अनुच्छेद 375: के तहत न्‍यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों से संबंधित है जो संविधान के प्रावधानों के अधीन कार्य करना जारी रखेंगे।
अनुच्छेद 376: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के संबंध में प्रावधान।
अनुच्छेद 377: भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक से संबंधित प्रावधान
अनुच्छेद 378: लोक सेवा आयोग से संबंधित प्रावधान
                                                                        



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